Edible Oil की कीमतों पर कंट्रोल के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में जमाखोरी को लेकर हुआ ये एक्शन
Edible Oil Raids: निरीक्षण में मध्य प्रदेश के देवास, शाजापुर और गुना जिलों में सोयाबीन और सरसों के बहुत बड़ी जमाखोरी का पता चला है। इनकी मात्रा सरकार द्वारा निर्धारित स्टॉक सीमा से काफी अधिक थे. जमाखोरी से सोयाबीन तेल की कीमतों में तेजी आई है.
इन तीनों राज्यों के अलावा दूसरे राज्यों में 30 अप्रैल तक लगातार कार्रवाई होगी. (फाइल फोटो: पीटीआई)
इन तीनों राज्यों के अलावा दूसरे राज्यों में 30 अप्रैल तक लगातार कार्रवाई होगी. (फाइल फोटो: पीटीआई)
Edible Oil Raids: ए़डिबल ऑयल की कीमतों पर कंट्रोल के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. जमाखोरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. मध्य प्रदेश के देवास, शाजापुर और गुना जिलों में केंद्रीय टीमों ने सोयाबीन और सरसों की बड़ी जमाखोरी का पता लगाया. वहीं महाराष्ट्र और राजस्थान में नियंत्रण आदेश की निर्धारित मात्रा की तुलना में काफी ज्यादा मात्रा में खाद्य तेल पाए गए. वहीं संबंधित राज्य सरकारों से आवश्यक वस्तु अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत सुधार के उपाय करने का अनुरोध किया गया है.
#EdibleOil #Raids
— Ambarish Pandey (@pandeyambarish) April 12, 2022
- Central teams unearth large hoardings of #soyabean & #mustard seeds in Dewas, Shajapur & Guna districts of MP
- In Maha & Rajasthan, large quantity of edible oils were found in excess of prescribed quantities@ZeeBusiness @MrituenjayZee @Secretary_DFPD
जमाखोरी पर सख्ती
निरीक्षण में मध्य प्रदेश के देवास, शाजापुर और गुना जिलों में सोयाबीन और सरसों के बहुत बड़ी जमाखोरी का पता चला है. इनकी मात्रा सरकार द्वारा निर्धारित स्टॉक सीमा से काफी अधिक थे. जमाखोरी से सोयाबीन तेल की कीमतों में तेजी आई है. राज्य सरकार को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
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वहीं महाराष्ट्र और राजस्थान में नियंत्रण आदेश की निर्धारित मात्रा की तुलना में काफी अधिक मात्रा में खाद्य तेल पाए गए. थोक विक्रेता और बिग चेन रिटेल आउटलेट मुख्य उल्लंघनकर्ता थे. राज्य सरकारों से संबंधित धाराओं के तहत उपाय करने का अनुरोध किया गया है.
दूसरे पांच राज्यों में निरीक्षण जारी
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों से भी यह एनश्योर करने का अनुरोध किया गया है. जिससे कार्रवाई करते समय सप्लाई चेन प्रभावित न हो.
30 मार्च, 2022 और 3 फरवरी, 2022 के केंद्रीय आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की केंद्रीय टीमों को प्रमुख तिलहन उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों में खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, बिग चेन रिटेलर्स और प्रोसेसर द्वारा रखे गए खाद्य तेल और तिलहन के स्टॉक का औचक निरीक्षण करने के लिए तैनात किया गया है. टीमों को महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात और दिल्ली भेजा गया है.
भारत सरकार ने देश में खाद्य तेलों की कीमतों को स्थिर करने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं, जिसमें आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसी अधिनियम), 1955 के तहत खाद्य तेलों और तिलहन के सभी स्टॉकधारकों द्वारा स्टॉक की घोषणा शामिल है.
07:34 PM IST